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Showing posts from September, 2019

तिरंगा

मै सदा प्रणाम करता हूँ इस तीन रंग रंगे को। शीष नवाकर निकलता हूँ घर से मै तिरंगे को। ये शीष झुकता है तो झुकता वतन के चरणों में। ग़द्दारी न रक्त में मेरे न ही है आचरणों में। आचरण...

सत्ता का चमत्कार

सत्ता का है चमत्कार और सत्ता की प्रभुताई है। गलियारों से खींच के मुझको संसद तक ले आई है।। लिखना शुरू किया था मैंने भारत देश की माओं से। बूढ़ी माँ की आँशू और भारत की सीमाओं से।...

अमन शुक्ला शशांक | पचपेड़वा कवि सम्मेलन

https://youtu.be/i_uwBxit1G8

अमन शुक्ला शशांक

https://youtu.be/_ygIzgEFTew