नेताओं की नीचता

भारतीय राजनीति कौरवों सी हो गई।
लोक लाज नेताओं की जाने कहाँ खो गई।।
भूखे भेड़िए हो जैसे सड़ा मांस नोचते।
वैसे एक दूसरे पे सभी कीचड़ झोंकते।।
चीखें गूँजे संसद में बस म्याऊँ म्याऊँ की।
नेताओं के बीच लगी होड़ काँऊ काँऊ की।।
इतना बड़ा पेट पूरा देश ये खा जाएँगे।
मरने के बाद अपने साथ में ले जाएँगे।।
वोट इन्हें दे दो यारों चाहे थाली खाली दो।
शर्म इन्हें आती नही चाहे जितनी गाली दो।।
भरने को पेट इनका सिर्फ वोट चाहिए।
नारियों के जिस्म का बना लँगोट चाहिए।।
भौंकते हैं खूब ये और काट लेते हैं
थूकते हैं हाथ पर खुद ही चाट लेते हैं।

        अमन शुक्ला शशांक
     पचपेड़वा-लखीमपुर-खीरी
9721842302,6386998171
akshukla7890@gmail.com

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