कौरवों के वंश का विनाश करना है अब

कौरवों के वंश का विनाश करना है अब।
विश्व में अशांति ज्वर कहीं फैल जाए न।
अपना तिरंगा आकाश चूमता रहे।
कभी ये तिरंगा किसी पैर नीचे आए न।।
रावण छूने नही पाए आज किसी सीता को भी।
द्रौपदी का अब कोई चीर खींच पाए न।।
मांग यही देश की है देश शांति दूत चाहे।
अबलाओं पे भी यहां आंच कोई आए न।
बेताब हर होंठ रहे राष्ट्रगीत गाने को।
अश्लीलता के यहां गीत कोई गाए न।।
धड़ से उड़ा दो अब सभी शत्रुओं का शीश।
शत्रुओं का शीश कभी उठने ही पाए न।।
राज सदा राज रखो कूटनीतियों से बचो।
द्रोहियों से पूरा देश खाली करवाओ तुम।।
द्रोही शत्रुओं से सदा देश को बचाए रखो 
देश की अखंडता को जान दे बचाओ तुम।।
हिंद के नेताओं तुम खुद को सुधार लो।
पूरा हिंदुस्तान ये प्रभास बन जाएगा।
गांधीगिरी छोड़छाड़ शंखनाद कीजिए।।
हर युवा देश का सुभाष बन जाएगा।।
अमन शुक्ला शशांक
लखीमपुर खीरी यूपी 

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