तमन्ना मेरी भी जीने की है

मत जाओ रुठ कर मुझसे

                     तमन्ना मेरी भी जीने की है।

तुम कहती हो नशे में हूँ, 

                       समझा करो जान 

ये असर तुम्हारी नजरों का 

                        जाम पीने से है।।

         अमन शुक्ला शशांक
9721842302,9696252444
akshukla7890@gmail.com

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